What are the curcumin health benefits? | हल्दी के स्वास्थ्य लाभ

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What is Curcumin?

हल्दी को प्राचीन काल से ही भारत में एक घरेलू मसाला और औषधी के रूप में प्रयोग किया गया है। वास्तव में यह भोजन को रंगत प्रदान कर उसकी गुणवत्ता (Quality) को बढ़ा देती है। Researchers के अनुसार हल्दी में पाए जाने वाले कुरकुमिनॉइडॅस (curcuminoids) द्वारा हल्दी में औषधीय गुण अधिक होते हैं. 9000 से अधिक औषधीय प्रयोगों में हल्दी पर खोज किया गया है।

Curcumin नामक तत्व का निष्कर्षण (extraction) हल्दी से किया जा चुका है. इस तत्व के कारण हल्दी का रंग सुंदर पीला होता है। साथ ही इसमे उड़नशील (volatile) होने वाला तेलिय पदार्थ टरमरोन (turmerone) भी मौजूद है जिसके कारण हल्दी की एक ख़ास गंध पाई जाती है।

Curcumin Health Benefits – Curcumin एक herbal supplement है। जिसका  प्रयोग निम्नलिखित  कैंसर, मधुमेह, गठिया, मधुमेहरोधी, भूलने की बीमारी, गठिया संबंधी और अन्य बीमारियों, स्थितियों और लक्षणों के उपचार, नियंत्रण, और सुधार के लिए किया जाता है।

Turmeric vs. Curcumin – What’s the Difference?

मसाले हल्दी में पाए जाने वाले Curcumin एक स्वाभाविक रूप से होने वाली रासायनिक हिस्सा है। दूसरी तरफ हल्दी, एक पौधे की जड़ है जिसे वैज्ञानिक रूप से कर्कुमा लोंगा कहा जाता है और संभवत: क्युक्रूमिन का नाम उसके नाम से होता है। कच्ची हल्दी अक्सर दक्षिण एशियाई देशों में उपयोग होती है, हालांकि भारत में पाउडर मसाला अधिक आम है। भारत में, इसे अक्सर भारतीय केसर, पीले अदरक, पीले जड़ या कछ हल्दी के रूप में जाना जाता है।

हल्दी Curcumin का एक बड़ा स्रोत है। हल्दी की जड़ में आमतौर पर कर्क्यूमिन लगभग 2 से 5% ही होता है। कर्क्यूमिन रसायनों के एक परिवार के अंतर्गत आता है जिन्हें कर्कुमोनिड कहा जाता है और जो एक चमकदार पीले रंग का रंग है। कर्क्यूमिन को पहली बार 1815 में एक यौगिक के रूप में पहचाना गया था। तब से, अपनी क्षमताओं के बारे में अधिक जानने के लिए कई अध्ययन किए गए हैं। ऐसा माना जाता है कि कर्क्यूमिन एक ही समय में कई कार्यों और प्रक्रियाओं पर काम करता है, यही कारण है कि यह ट्यूमर से लड़ने और मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए दर्द और सूजन से सब कुछ ठीक करने के लिए कहा गया है।

What’s The Best Curcumin Supplement?

हल्दी एक बहुत ही अच्छी जड़ी बूटी है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल, एंटी-बायोटिक, एंटी-फंगल और एंटी -इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। पुरे विश्व में लोग इस जड़ी बूटी को अपने स्वास्थ समस्याओ के लिए इस्तेमाल करते हैं हल्दी के अन्य नाम कुर्कुमा लोंगा, कुर्कमिन और टूर्र्मीक है।

Haldi में कर्क्यूमिन होता है, जो शक्तिशाली, एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ एक पदार्थ होता है। अधिकांश अध्ययनों में हल्दी अर्क/ extracts की  बात  की  गयी हे,  जो Curcumin की बड़ी मात्रा को शामिल करने के लिए मानकीकृत है।

हल्दी में वजन का लगभग 2 प्रतिशत Curcumin होता है, इसलिए हल्दी का एक बड़ा चमचा, जिसका वजन 6.8 ग्राम होता है, इसमें लगभग 0.136 ग्राम कर्कुमिन या 136 मिलीग्राम होता है। लेकिन हल्दी को ज्यादा मात्रा में खाना किसी के लिए भी मुमकिन नहीं है। इसलिए हल्दी  की जगह हम लोगो को Curcumin  लेना चाइए। जो की मार्किट में टेबलेट और सप्लीमेंट्स के रूप में उपलब्ध है।

Here are the most popular Curcumin Supplements

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What Are the Curcumin health benefits?

कर्क्यूमिन एक प्राकृतिक एंटी-इन्फ़्लोमेन्टरी कम्पाउंड है –

पुरानी सूजन कई सामान्य पश्चिमी बीमारियों के लिए योगदानकर्ता के रूप में Curcumin  प्रमुख भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है| कई उच्च गुणवत्ता वाले अध्ययनों से पता चलता है कि Curcumin आपके शरीर और मस्तिष्क के लिए कितना  लाभकारी  है।

गठिया (Arthritis) की समस्‍याओं में लाभकारी –

गठिया एक आम विकार है जो कि संयुक्त सूजन से होता है। कई अध्ययन बताते हैं कि कर्क्यूमिन गठिया के लक्षणों का इलाज करने में मदद कर सकता है और कुछ मामलों में भड़काऊ दवाओं से ज्यादा प्रभावी होता है।

लीवर संबंधी समस्‍याओं में लाभकारी –

लीवर की तकलीफों से निजात पाने के लिए हल्दी बेहद उपयोगी होती है। यह रक्त दोष दूर करती है। हल्दी नैसर्गिक तौर पर ऐसे एन्‍जाइम्‍स का उत्‍पादन बढ़ाती है, जिससे लीवर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।

मजबूत Immune system –

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करती है हल्दी । इससे शरीर कई बीमारियों से बचा रहता है। हल्दी में पाया जाने वाला लिपोपोलिसेकराईड तत्‍व हमारे इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत बनाकर बीमारियों से हमारी रक्षा करता है। साथ ही इसमें एन्‍टी बैक्‍टीरियल, एंटी वायरल और एंटी फंगल गुण भी विशेष रूप से पाए जाते है।

पेट की समस्‍याओं में लाभकारी –

मसाले के रूप में प्रयोग की जाने वाली हल्दी का सही मात्रा में प्रयोग पेट में जलन एवं अल्‍सर की समस्‍या को दूर करने में बहुत ही लाभकारी होता है।

हल्दी का पीला रंग Curcumin नामक अवयव के कारण होता है और यही चिकित्सा में प्रभावी होता है। चिकित्सा क्षेत्र के मुताबिक Curcumin पेट की बीमारियों जैसे जलन एवं अल्सर में काफी प्रभावी रहा है।

अंदरूनी चोट में सहायक –

चोट लगने पर हल्‍दी बहुत फायदा करती है। मांसपेशियों में खिंचाव होने पर या अंदरूनी चोट लगने पर हल्दी मिला गर्म दूध पीने से दर्द और सूजन में तुरन्‍त राहत मिलती है। चोट पर हल्दी और पानी का लेप लगाने से भी आराम मिलता है।

खांसी में राहत –

खांसी में हल्‍दी की गांठ का इस्‍तेमाल करें। अगर एकदम से खांसी आने लगे तो हल्दी की एक छोटी सी गांठ मुंह में रख कर चूसें, इससे खांसी नहीं आएगी। खांसी के साथ कफ की समस्या होने पर एक गिलास गर्म दूध में एक-चौथाई चम्मच हल्दी मिलाकर पीना फायदेमंद है।